UTTAR PRADESH NEWS: आगरा में नकली देसी घी बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई है। लंबे समय से चल रही फैक्ट्री में पतंजलि और अमूल जैसे देश के 18 बड़े ब्रांड का स्टिकर लगाकर पैकिंग की जाती थी। UTTAR PRADESH NEWS
ई डिस्ट्रिक्ट में आने वाले आवेदन निस्तारण में कानपुर नगर चौथे स्थान पर
इसके बाद इसे यूपी के अलावा राजस्थान, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में सप्लाई कर दिया जाता था। पुलिस ने फैक्ट्री में काम करने वाले मैनेजर समेत 5 लोगों को अरेस्ट किया है। सभी के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं। कंपनी का कितने करोड़ का ट्रांजैक्शन है? हर महीने कितनी सप्लाई की जाती थी? पुलिस इसकी पड़ताल कर रही है।
नए साल में कलेक्ट्रेट में 24 कर्मचारियों को प्रमोशन
DCP सिटी सूरज राय ने बताया- फैक्ट्री मालिक का नाम नीरज अग्रवाल है। यह फैक्ट्री श्याम एग्रो के नाम से रजिस्टर्ड है। मालिक ने खुद के एक ब्रांड का रजिस्ट्रेशन करा रखा है, जिसका नाम मधु सुगंध है। इसका लाइसेंस ग्वालियर से बना है। पुलिस को फैक्ट्री से रिफाइंड, पाम ऑयल, वनस्पति तेल, यूरिया और घी का एसेंस (परफ्यूम) मिला है। आरोपी नकली घी बनाने में इसी का इस्तेमाल करते थे। गुरुवार को फैक्ट्री से एक ब्रांड के नाम पर तैयार 50 टीन नकली घी ट्रक से मेरठ भेजा गया है। यह जानकारी मिलते ही पुलिस की एक टीम ट्रक को पकड़ने के लिए निकल गई।
नुकसानदायक सामान का इस्तेमाल (use of harmful substances)
नकली घी को बनाने में यूरिया, पॉम ऑयल और परफ्यूम जैसे सेहत के लिए नुकसानदायक सामान का इस्तेमाल किया जाता था। पुलिस ने फैक्ट्री से करीब 2500 किलो रॉ मटेरियल और नकली घी बरामद किया है। खाद्य विभाग की टीम मौके पर है। डिब्बों के सैंपल लिए जा रहे हैं। कई बड़ी कंपनियों के नाम के स्टिकर भी मिले हैं। मामला ताजगंज थाना क्षेत्र का है।
करीब 175 रुपए की लागत (Cost around Rs 175)
जो घी पकड़ा गया है, उसको बनाने में करीब 175 रुपए की लागत आती थी। इसको बाजार में 650 रुपए तक में बेचा जाता था। इस समय बाजार में पतंजलि घी 665 रुपए किलो मिल रहा है। जबकि यहां अरोपी इसको आधे से कम कीमत पर तैयार कर रहे थे।
पकड़े गए एक कारीगर ने बताया कि जो घी बनाते थे उसमें वनस्पति घी, पॉम आयल, एसेंस और यूरिया मिलाया जाता था। इन सबको मिलाकर एक बड़े कंटेनर में उबाला जाता था इसके बाद इनको 15 लीटर की टीन में भर दिया जाता था। जैसे ही किसी का ऑर्डर आता, उसी के हिसाब से इन पर लेबल चिपका दिए जाते थे।
47 शहरों में शीतलहर, 5° तक गिरा पारा, फिर बारिश के आसार
श्याम एग्रो के नाम से रजिस्टर्ड है फैक्ट्री, 3 गोदाम मिले
पुलिस को फैक्ट्री में 3 गोदाम मिले हैं। आरोपी पहले गोदाम में नकली घी बनाते थे। दूसरे गोदाम में रॉ मटेरियल रखा था। तीसरे गोदाम में बना हुआ नकली घी रखा जाता था। यहीं से घी को सप्लाई किया जाता था। पूछताछ में फैक्ट्री के मैनेजर ने बताया कि पहले टीन में स्टिकर नहीं लगाते थे। जिस कंपनी का ऑर्डर मिलता था, उसका स्टिकर लगाकर सप्लाई कर देते थे।
इन शहरों में होती थी सप्लाई
फैक्ट्री से पुलिस को तमाम दस्तावेज मिले हैं। इनमें हिसाब-किताब लिखा है। साथ ही एक डायरी भी मिली है। इसमें उन शहरों के नाम लिखे थे, जहां-जहां यह नकली घी बड़ी मात्रा में सप्लाई होता था। डायरी से मिले कागज में उन सभी शहरों के नाम लिखे हैं। इन शहरों में मेरठ, जयपुर, प्रयागराज, वाराणसी, हरियाणा का सिरसा, लखीमपुर, पूर्णिया बिहार, आगरा, गाजीपुर, बिजनौर के नजीबाबाद, रुद्रपुर, जम्मू, पारसपुर शामिल हैं।