UTTAR PRADESH NEWS : फैशन डिजाइनर (fashion designer) आदेश बाजपेई की कत्ल में 16 साल बाद आईआईटी के पूर्व छात्र को उम्रकैद की सजा सीबीआई (CBI) ने सुनाई है। पूर्व छात्र राहुल वर्मा ने बड़े ही शातिर ढंग से वारदात को अंजाम दिया था। IIT कैंपस में हत्या करने के बाद आदेश के शव को केमिकल डालकर जला दिया था। पिता की मांग पर कैंपस में मिले कंकाल की जब डीएनए (DNA) जांच हुई, तो पता चला कि शव आदेश का ही था। UTTAR PRADESH NEWS
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डेटिंग एप के जरिए हत्यारे से मिला
आदेश बाजपेई (Aadesh Bajpai) मुबंई में फैशन डिजाइन का काम करता था। आदेश और राहुल वर्मा की मुलाकात डेटिंग एप के जरिये हुई थी। इसके बाद से दोनों में बातचीत होने लगी थी। इसके बाद आदेश मुंबई से राहुल से मिलने कानपुर आया था। इसके बाद अचानक लापता हो गया था।
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जनवरी 2012 में सीबीआई ने राहुल को किया था गिरफ्तार
20 अगस्त 2008 को मूलगंज थाने में बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा चुके सूर्यकुमार को जब आईआईटी कैंपस (IIT campus) में नरकंकाल मिलने की जानकारी मिली, तो उन्होंने डीएनए टेस्ट (DNA Test) की मांग की थी। जांच में पता चला था कि हड्डियां आदेश की ही थीं। वारदात के साढ़े तीन साल बाद (जनवरी 2012) सीबीआई ने आईआईएम लखनऊ में पढ़ाई कर रहे राहुल वर्मा को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ और जांच में पता चला कि राहुल ही वो शख्स था, जिससे मिलने के लिए आदेश मुंबई से कानपुर पहुंचा था। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा हत्या, अपहरण, और साजिश की धारा में एफआईआर दर्ज की थी।
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चचेरे भाई से मिलने के बाद आईआईटी गया था आदेश
सीबीआई जांच में पता चला कि फैशन डिजाइनर आदेश बाजपेई (fashion designer Aadesh Bajpai) चार अगस्त 2008 को मुंबई से बिजनेस के सिलसिले में लखनऊ आया था। इसके बाद वह 13 अगस्त को मूलगंज में विवेक त्रिवेदी से मुलाकात की थी। विवेक ने उसे मूलगंज चौराहा छोड़ा था। इसके बाद राहुल के साथ आईआईटी चला गया। इसके बाद से उसका पता नहीं चला। 18 अगस्त को आदेश के पिता सूर्यकुमार शहर पहुंचे। उन्होंने तत्कालीन एसएसपी से मुलाकात की। इसके बाद मूलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
आईआईटी में मिली थी आदेश की लोकेशन
सीबीआई (CBI) ने राहुल को गिरफ्तार तो कर लिया था, लेकिन उसके खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं था। आदेश के कॉल डिटेल के रिकॉर्ड से पता चला था कि लापता होने से पहले आदेश आईआईटी-के परिसर के अंदर था। सीबीआई ने राहुल को विशेष मजिस्ट्रेट आरएम वर्मा की अदालत में पेश किया और मामले को सुलझाने और अपराध के मकसद का पता लगाने के लिए सात दिन की रिमांड मांगी थी।
अदालत ने सीबीआई को तीन दिन की अनुमति दी थी। इसके बाद सीबीआई ने विशेषज्ञ की मदद से आदेश बाजपेई का ई-मेल अकाउंट खोला और उन्हें कुछ तस्वीरें दिखाईं। इनमें से एक तस्वीर विवेक की भी थी। उसके साथ वह मूलगंज से आईआईटी कैंपस आने के लिए निकला था।
44 गवाह, 66 दस्तावेज से मामले की तह तक पहुंची सीबीआई
सीबीआई प्रवक्ता ने बताया, दोनों मामलों में जांच के बाद, सीबीआई ने 20 अप्रैल, 2012 को आरोपी राहुल वर्मा के खिलाफ लखनऊ में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक सामान्य आरोपपत्र दायर किया। मुकदमे के दौरान सीबीआई ने ठोस सबूत पेश किए, 44 गवाहों से सवाल-जवाब किए, 66 दस्तावेज और अपराध से संबंधित 16 सामग्री पेश कीं, जिसके आधार पर ही आरोपी को दोषी ठहराया गया।
दोनों एक समूह के सदस्य थे
जांच के अनुसार बाजपेई पांच अगस्त को मुंबई से पहले लखनऊ आया और फिर 10 अगस्त को कानपुर गया, जहां वह लापता हो गया। सीबीआई के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा, मृतक आदेश बाजपेई और आरोपी राहुल वर्मा एक समूह के सदस्य थे। बाजपेई 10 अगस्त 2008 की रात कानपुर के मूलगंज चौराहे से आरोपी राहुल वर्मा के साथ गया था। एजेंसी ने दो मामलों को अपने हाथ में लिया, जिनमें एक, सुरक्षा गार्ड की रिपोर्ट के आधार पर आईआईटी-कानपुर परिसर में बरामद किए गए मानव अवशेषों वाले एक बोरे से संबंधित था और दूसरा बाजपेयी के पिता की ओर से दर्ज कराई गई गुमशुदगी की प्राथमिकी से जुड़ा हुआ था।
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साक्ष्यों ने हत्या में वर्मा की भूमिका को उजागर किया
सीबीआई के मुताबिक, चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) ने आईआईटी-कानपुर के परिसर से बरामद हड्डियों का डीएनए विश्लेषण किया और सीएफएसएल, दिल्ली ने वर्मा की मनोवैज्ञानिक जांच की। डीएनए रिपोर्ट से यह बात साबित हो गई कि आईआईटी, कानपुर में बरामद किए गए मानव अवशेष बाजपेई के थे। फोरेंसिक परीक्षणों, विशेषज्ञों की राय और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों ने बाजपेई की हत्या में वर्मा की भूमिका को उजागर किया। वर्मा को 24 जनवरी 2012 को हिरासत में लिया गया।
कातिल को मिली गुनाह की सजा
लखनऊ की विशेष केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने 2008 में हुई मुंबई के फैशन डिजाइनर आदेश बाजपेई की हत्या के मामले में बुधवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के पूर्व छात्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मामले में 16 साल बाद कातिल को उसके गुनाह की सजा मिली।