RAHUL PANDEY
लखनऊ: मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उनकी पत्नी आफ्शा अंसारी की पुरानी संपत्तियों के दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं। संपत्तियां मुख्तार अंसारी ने खरीदी थी। यह संपत्तियां कब, कब किसके नाम ट्रांसफर हुई हैं और फिर मुख्तार व उनकी पत्नी के नाम कैसे पहुंची हैं। इसके बारे में जानकारी मांगी गई है। मुख्तार अंसारी व उनकी पत्नी की जमीन शहर के भीतर के जिस हुसैनगंज गांव में आ रही है उस गांव की जमीन के सारे के सारे दस्तावेज गायब हैं।
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SP आजमगढ़ ने लखनऊ के जिला प्रशासन को पत्र लिखा है…
एसपी आजमगढ़ ने लखनऊ (lucknow) के जिला प्रशासन को जो पत्र लिखा है, जिसमें लिखा है कि मुख्तार अंसारी ने अपराध जगत से संपत्ति अर्जित की है। अपनी पत्नी के नाम से कई जमीनों का बैनामा कराया गया है। भूखंड संख्या एक जिसका नगर निगम का नंबर 47 है। क्षेत्रफल 8312 वर्ग फुट है। इसका एक बटे चार यानी 2078 वर्ग फुट विधान सभा मार्ग पर है। जो हुसैनगंज में आता है। इसका विक्रय सुनील चक विधान सभा मार्ग ने मुख्तार अंसारी की पत्नी के नाम किया था। यह जमीन पूर्व में किस किस के पास रही इसके संबंध में पूरी जानकारी मांगी गई है। एसडीएम सदर ने पड़ताल कराई तो पता चला कि जमीन के पूरे रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने लिखा है जिन 86 पुराने गांवों के दस्तावेज व अभिलेख तहसील में उपलब्ध नहीं हैं उसी में यह भी है। यह नजूल भूमि के रूप में दर्ज है। ऐसे में इसके दस्तावेज नगर निगम व एलडीए के पास उपलब्ध हो सकते हैं। उधर नगर निगम के पास भी इन 86 गांव के कोई दस्तावेज नहीं है। एलडीए के पास भी इससे जुड़ा कोई दस्तावेज नहीं मिला है। जिसकी वजह से यह बताया जा सका है कि यह जमीन कब कब किस और किन लोगों के पास रही है।
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करीबियों की संपत्ति अब तक जब्त नहीं कर सकी पुलिस
मुख्तार के करीबियों पर अभियान चलाकर कार्रवाई की गई, गैंगस्टर लगा और सम्पत्ति का ब्योरा तैयार हुआ लेकिन इन्हें सीज नहीं किया जा सका। इस अभियान के दौरान मुख्तार के कई करीबी फरार हो गए थे। इनके बारे में भी पुलिस अब कुछ नहीं कर रही है। मड़ियांव में रहने वाले मुख्तार के करीबी बाबू सिंह पर गैंगस्टर लगाया गया था। इसके बाद बाबू सिंह की सम्पत्ति का ब्योरा तैयार किया गया। बाबू के साथ ही पीके सिंह की तलाश की गई।
मुख्तार अंसारी, उनकी पत्नी की संपत्तियों को चिह्नित कर रिपोर्ट भेज दी गई है। हुसैनगंज क्षेत्र सहित शहर के पुराने 86 गांव के रिकॉर्ड नहीं है। क्योंकि काफी पहले रिकॉर्ड रूम में आग लगी थी। जिससे दस्तावेज जल गए थे। लडीए के पास कुछ नक्शे हैं। इसलिए एलडीए और नगर निगम से इसके बारे में रिपोर्ट मांगी गई है।
प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी, उप जिला अधिकारी, सदर
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