राजधानी में मंगलवार को तेजी से चले सियासी घटनाक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) समेत संघ और भाजपा के दिग्गज नेताओं ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के घर पहुंचकर पार्टी में एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की। साढ़े चार साल में यह पहला मौका था जब सीएम योगी (CM Yogi) मौर्य के आवास पर गए।
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बहाना भले ही केशव मौर्य के पुत्र के विवाह के बाद भोज का था लेकिन जिस तरह से मौर्य के आवास पर सीएम योगी समेत संघ और भाजपा के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा हुआ उससे यह साफ संकेत मिला कि यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर संघ और भाजपा नेतृत्व किसी तरह का जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। चुनावी रणनीतिकार लोगों के बीच यह संदेश नहीं जाने देना चाहते कि पार्टी में खींचतान या नेताओं के बीच किसी तरह का मनमुटाव हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी.एल. संतोष, आरएसएस के सर कार्यवाह दतात्रेय होसबाले और सह सर कार्यवाह कृष्णगोपाल व संघ के क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने पूर्वाह्न पहले भाजपा दफ्तर में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद सभी लोग केशव मौर्य के आवास पर दोपहर भोज में पहुंचे। इसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।
योगी से बड़ा चेहरा और कोई नहीं
योगी की राजनीति और प्रशासन प्रबंधन का तरीका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलता जुलता है प्रदेश में भाजपा के लिए फिलहाल योगी से बड़ा चेहरा और कोई नहीं है भाजपा में भी योगी का कद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बाद तीसरे स्थान पर नज़र आता है.
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सीएम योगी (CM Yogi) के केशव मौर्य के आवास पर पहुंचने के पीछे पार्टी में एकजुटता का संदेश देने की रणनीति मानी जा रही है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि विधानसभा चुनाव से पहले संघ के शीर्ष पदाधिकारियों की मौजूदगी में सीएम योगी व केशव मौर्य की मुलाकात के जरिये यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि दोनों के बीच कोई मनमुटाव नहीं है। आरएसएस और भाजपा नेतृत्व तकरार को खत्म कर कार्यकर्ताओं के साथ अपने वोट बैंक को एकजुटता का संदेश देने की कोशिश में जुटे हैं।
इसी कड़ी में एक अहम बात यह रही कि केशव के घर हुई एकजुटता की इस बड़ी पहल के बाद भाजपा प्रदेश मुख्यालय में योगी मंत्रिपरिषद की बैठक में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पूर्व वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, पूर्व बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल सहित अन्य प्रमुख लोगों को भीआमंत्रित किया गया। इस बैठक में सभी को सामंजस्य बनाकर विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ जुटने का पाठ पढ़ाया गया।
भाजपा के उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो सोमवार रात मुख्यमंत्री आवास पर हुई भाजपा कोर कमेटी बैठक के दौरान नेताओं ने केशव मौर्य को उनके पुत्र के विवाह की शुभकामनाएं व बधाइयां दीं तो केशव ने सभी को मंगलवार को दोपहर अपने घर पर भोजन पर आमंत्रित कर लिया। करीब 100 मीटर की ही दूरी पर रहते हुए सीएम योगी (CM Yogi) साढ़े चार साल में कभी केशव के घर नहीं गए। मंगलवार दोपहर जब योगी केशव के घर भोजन पर पहुंचे तो सियासी गलियारे के साथ-साथ मीडिया और प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई। जानकारों का मानना है कि संघ के शीर्ष पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई मुलाकात की फोटो भी जारी की गई ताकि पिछड़े वोट बैंक के साथ कार्यकर्ताओं में यह संदेश जाए कि दोनों के बीच कोई मतभेद या मनभेद नहीं है।
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आईएएस की नौकरी छोड़कर भाजपा के एमएलसी बने अरविंद कुमार शर्मा और मुख्यमंत्री के बीच शुरू से ही राजनीतिक मतभेद की चर्चाएं चल रही थी। शर्मा को योगी कैबिनेट में उप मुख्यमंत्री या कैबिनेट मंत्री बनाने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। शर्मा की ओर से किए जाने वाले ट्वीट भी कहीं ना कहीं मतभेद की चर्चाओं को हवा देते थे। बीते दिनों लखनऊ से दिल्ली तक चले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद शर्मा को सरकार की जगह संगठन में जगह देकर प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। उसके बाद शर्मा ने भी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को लिखे पत्र में योगी के नेतृत्व में 2022 का चुनाव जीतने की बात कर तमाम चर्चाओं पर विराम लगा दिया।