RAHUL PANDEY
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को चिंता है कि जरा सी लापरवाही से प्रदेश में कोरोना (corona) की तीसरी लहर आ सकती है। इसके मैनेजमेंट को लेकर वह हर रोज जिलों में निरीक्षण कर रहे हैं। लोगों को कोविड (COVID) नियमों का पालन कराने के लिए बोल रहे हैं, लेकिन उनके ही एक सीनियर मंत्री उनकी बात को अनसुना करते नजर आए। ये औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना हैं। अब मंत्री के बिना मास्क लगाए मीटिंग पर सियासत शुरू हो गई है।
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सतीश महाना ने 25 मई को कानपुर (Kanpur) में पुलिस कमिश्नर, एसएसपी व अन्य पुलिस अफसरों के साथ कानून और अपराध को लेकर बैठक की थी। इसकी फोटो उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट की तो विवाद शुरू हो गया। इसमें अफसर तो मास्क पहने दिखे, लेकिन मंत्री महाना बगैर मास्क के दिखे। हैरानी की बात ये है कि वह अफसरों को लेकर निर्देश भी दे रहे थे कि जिले में सख्ती से कानून का पालन कराया जाए और नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाए।
समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने कमेंट किया
प्रवक्ता जूही सिंह ने कमेंट किया है। उन्होंने सतीश महाना को टैग करते हुए पूछा कि आपका मास्क कहां है मंत्री जी? आप कानून से ऊपर हैं क्या? उन्होंने पुलिस से मांग कि है कि आम लोगों की तरह मंत्री सतीश महाना पर भी कार्रवाई की जाए। हालांकि, पुलिस कमिश्नर असीम अरुण मंत्री का बचाव करने में जुटे हुए हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में कमिश्नर ने कहा कि पानी पीने के दौरान मंत्रीजी ने कुछ पल के लिए मास्क हटाया था। उन्होंने नियम का कोई उल्लंघन नहीं किया है, इसलिए कार्रवाई उचित नहीं है।
मास्क न पहनने पर आम नागरिकों से 81 करोड़ रुपए वसूल चुकी है
मास्क (Mask) न पहनने वालों के खिलाफ पूरे राज्य में पुलिस अभियान चला रही है। अब तक 50 लाख 73 हजार 327 लोगों के चालान काटे गए हैं। इन लोगों से 81 करोड़ 53 लाख 39 हजार 399 रुपए वसूले जा चुके हैं। जबकि लॉकडाउन उल्लंघन के मामलों में पुलिस अब तक 175 करोड़ 17 लाख 94 हजार 865 रुपए जुर्माना वसूल चुकी है। लेकिन जब कैबिनेट मंत्री की बात आई तो सामने होते हुए भी पुलिस अफसर मूक बन गए। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये नियम केवल आम लोगों के लिए है? मंत्री कानून से भी ऊपर होते हैं?
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source: Dainik Bhaskar