RAHUL PANDEY
#UttarPradesh : कुशीनगर जिले में सात साल की मासूम से दुष्कर्म और इलाज में लापरवाही मामले में उत्तर प्रदेश (UttarPradesh) बाल आयोग (Children commission) के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट डीएम कुशीनगर से मांगी है। उन्होंने डीजीपी और प्रमुख सचिव को भी घटना की जानकारी देते हुए पीड़िता को न्याय दिलाने की बात कही है।
मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि ने मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश बाल आयोग में की थी। उत्तर प्रदेश (UttarPradesh) बाल आयोग के अध्यक्ष ने कुशीनगर डीएम, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण को भेजे पत्र में बताया है कि मीडिया में आई खबरों के अनुसार, दुष्कर्म पीड़िता के इलाज में घोर लापरवाही बरती गई।
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कॉलेज प्रशासन वापस करेगा रुपये, पिता से मांगी दवा की पर्ची
मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से मासूम के इलाज में पहले तो लापरवाही बरती गई। खड्डा के विधायक जटाशंकर त्रिपाठी के हस्तक्षेप के बाद इलाज शुरू हुआ। हद तब हो गई, जब दुष्कर्म की पीड़ित होने के बावजूद उसके परिजनों सेे दवाएं बाहर से मंगाई गईं। परिवार बेहद गरीब है, दवा के लिए परिजनों को तीन हजार रुपये का इंतजाम करने में पसीना आ गया। अब इस बात की शिकायत विधायक ने प्राचार्य से की। इसके बाद प्राचार्य के निर्देश पर कॉलेज प्रशासन ने मासूम के पिता से दवा की पर्ची मांगकर रुपये वापस करने की बात कही है। मासूम के पिता ने बताया कि अब बेटी स्वस्थ है।
जिला अस्पताल कुशीनगर से पीड़िता को रेफर किया गया। अलसुबह सवा तीन बजे के करीब परिजन मासूम को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे, मगर वहां मेडिकल कॉलेज में पुलिस की मौजूदगी की अनिवार्यता बताते हुए पीड़िता को भर्ती नहीं किया गया। इस बीच परिजन मेडिकल कॉलेज में छह घंटे तक इलाज के लिए इधर-उधर भटकते रहे। खड्डा विधायक के आने के बाद ही बालिका को भर्ती किया गया और इलाज मिल सका। यह मामला बेहद गंभीर है। उन्होंने मामले की जांच कर पांच बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है।
इन बिंदुओं पर मांगी गई है रिपोर्ट
प्रकरण में दर्ज एफआईआर की सत्यापित प्रतिलिपि
आरोपितों के विरुद्ध की गई कार्रवाई का विवरण
पीड़िता के मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट की कॉपी
लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध की गई कार्रवाई का विवरण
प्रकरण से संबंधित अन्य विवरण
विधायक ने प्रमुख सचिव से की मामले की शिकायत
विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से की गई लापरवाही की शिकायत प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी से की है। इससे पूर्व कमिश्नर जयंत नर्लिकर से भी शिकायत की गई थी। निर्देश दिया गया है कि जो भी मामले में दोषी हो, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके अलावा उन्होंने कुशीनगर के डीएम से लक्ष्मी बाई योजना के तहत पीड़ित परिवार को त्वरित आर्थिक लाभ दिलाने को भी कहा है।
यही अफसर मुख्यमंत्री को परेशानी में डालते हैं
मुख्यमंत्री का क्षेत्र होने के चलते यहां होने वाली हर एक अच्छी-बुरी घटना को बेहद बारीकी से देखा जाता है। गोरखपुर में हुई कोई भी गड़बड़ी पर संपूर्ण विपक्ष मुख्यमंत्री को निशाना बनाने में एक क्षण की चूक नहीं करता। इस क्षेत्र की संवेदनशीलता से यहां के हर महकमे का प्रशासन भली प्रकार परिचित है, बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग सात साल की मासूम दुष्कर्म पीड़िता के प्रति ऐसा रवैया खराब अख्तियार किए हुए है। सत्ता पक्ष के विधायक जटाशंकर त्रिपाठी खुद हतप्रभ हो गए हैं कि ये हो क्या रहा है?
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