ARTI PANDEY
जिले के 5700 तालाबों में से 286 तालाबों पर भूमाफिया का कब्जा है। माफिया इतने रसूखदार हैं कि कोर्ट और शासन (Government) के आदेश के बाद भी प्रशासन (Administration) इसको खाली कराने से डर रही है। तालाबों की कीमत का आंकलन किया जाए तो यह आठ सौ से एक हजार करोड रूपये की कीमत के होंगे। कई तालाबों पर तो बकायदे कालोनियां बना दी गईं हैं तो कई पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग तान दी गई। अफसरों को सब पता है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। सूत्रों की माने तो 2021 में 299 तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया था। लेकिन उसके बाद से कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे माफिया के हौसले बुलंद हैं। सबसे ज्यादा कब्जे तो बिल्हौर तहसील के 113 तालाबों पर हैं। तालाबों को कब्जा मुक्त कराने के लिए कोई टीम भी अब तक प्रशासन ने नहीं गठित की है।
148 बैनामों की जांच, 45 में मिली 2.30 करोड़ की स्टांप चोरी
आबादी में बदल गए तालाब
भूमाफिया ने उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के आदेशों का उल्लघंन करते हुए तालाबों की जमीन पर कब्जे कर रखे हैं। लगातार कम होते जा रहे तालाबों के कारण क्षेत्र में जलवायु और प्राकृतिक संकट खतरे में पड़ गया है। सैकड़ों तालाबों पर तो मकान बना दिए गए हैं। आबादी के चलते तालाब तो लगभग गायब ही हो गए हैं।
75 करोड़ से तलाबों के काम
कमिश्नर डॉ. राजशेखर की अध्यक्षता में तय हुआ था कि गांवों में तालाबों की खोदाई कर उसे टूरिस्ट स्थल के रूप में डेवलप किया जाना था. इसके लिए संभुआ, कठारा, दहेली, ददारपुर कटहा, पिहानी मजबूत नगर, मझावन, कुल्हौली, पिपरगवां, जामू, औरंगपुर सांभी, बैड़ी अलीपुर, बीबीपुर समेत अन्य गांवों को शामिल किया गया, लगभग 75 करोड़ रुपए की लागत से तालाब डेवलप किया जाना है, जिसका काम 15 अगस्त 2022 तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अबतक अधूरा है. ऐसे में लोगों का कहना है कि पुराने तालाब तो संभाले नहीं जा रहे हैं, तो नए को डेवलप करने का क्या फायदा है.
सिर्फ यहीं 113 तालाबों पर कब्जे
प्रशासन के अधिकारी दावा करते हैंकि पिछले साल 2021 में 299 तालाबों पर कब्जा मुक्त करवाया गया था, लेकिन उसके बाद से तालाबों पर हुए कब्जे को लेकर कोई खास कार्रवाई नहीं की गई. आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा तालाबों पर कब्जे बिल्हौर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत है. यहां पर 2042 तालाब थे, लेकिन अब बचे हैं, सिर्फ 1929 यानी 113 तालाबों का कोई नामो निशान नहीं है. तालाबों को कब्जा मुक्त कराने के लिए कोई टीम भी अब तक प्रशासन ने नहीं गठित की है. जिसकी वजह से कब्जेदारों के हौसलें सातवें आसमान पर है.
99 भूमाफिया घोषित
प्रशासन ने बीते रोज 22 लोगों को भूमाफिया घोषित किया है। इसमें मकसूदाबाद के आठ और पिपौरी के 14 नाम शामिल हैं। अब तक जिले में घोषित भूमाफिया की संख्या 77 थी, 22 लोगों का नाम बढ़ने से अब कुल 99 भूमाफिया शहर में हो गए हैं। इसके पहले मसवानपुर के मोहसिनपुर ग्राम की जमीन बेचने वाली कोआपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के प्रबंधक रहमत अली को भूमाफिया घोषित किया था।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्या है
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला देते हुए कहा था कि तालाब, पोखर, गढ़ही, नदी, नहर, पर्वत, जंगल और पहाड़ियां आदि सभी जल स्रोत पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखते हैं इसलिए पारिस्थितिकीय संकटों से उबरने और स्वस्थ पर्यावरण के लिए इन प्राकृतिक देनों की सुरक्षा करना आवश्यक है। ताकि सभी संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा दिए गए अधिकारों का आनंद ले सकें। वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सूबे में 1951-52 के राजस्व अभिलेखों में दर्ज तालाबों से अतिक्रमण हटाकर और वहां दिए गए पट्टे समाप्त कर उन्हें बहाल करने का निर्देश दे रखे हैं।
तहसील तालाबों की संख्या तालाबों पर कब्जे , कब्जे हेक्टेयर में…
सदर 1121 98 88.157
बिल्हौर 2042 113 50.896
घाटमपुर 1526 38 52.049
नर्वल 1101 37 6.551
कुल 5790 286 197.654
तालाबों पर कब्जे हटाने को लेकर टीम बनाई जाएगी। जल्द ही तालाबों को कब्जा मुक्त किया जाएगा। विशाख जी डीएम
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