घरों में ही गणपति बप्पा की प्रतिमा को स्थापित करते हैं
गणेश उत्सव के अवसर पर लोग अपने घरों में ही गणपति बप्पा की प्रतिमा को स्थापित करते हैं । लेकिन गणेश जी GaneshJi के दर्शन करते समय खास ध्यान रखना चाहिए। गणेश जी GaneshJi के दर्शन हमेशा सामने से ही करने चाहिए। इनके पीठ के दर्शन कभी नहीं करने चाहिए। पं. के अनुसार, गणेश जी GaneshJi के शरीर पर जीवन और ब्रह्मांड का वास माना गया है।
आइए जानते हैं कि गणेश जी के किस हिस्से में क्या वास करता है…
गणेश जी GaneshJi के माथे पर ब्रह्मलोक, सूंड पर धर्म, कानों पर वेदों का ज्ञान, दाएं हाथ में वर यानी आशीर्वाद, दूसरे दाएं हाथ में अंकुश जो बुराइयों को रोक सके, बाएं हाथ में अन्न, दूसरे बाएं हाथ में कमल यानी पवित्रता, पेट में सुख-समृद्धि, नाभी पर ब्रह्मांड, आंखों में भक्तों के लिए प्रेम, पैरों में सातों लोकों का वास माना गया है। इन सभी के दर्शन करने से गणेश भक्तों को सुखों की प्राप्ति होती है। लेकिन गणेश जी GaneshJi के पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए। वो इसलिए क्योंकि इनकी पीठ पर अलक्ष्मी यानी दरिद्रता का वास माना गया है। कहा जाता है कि अगर कोई इनकी पीठ के दर्शन करता है तो उसे गरीबी का सामना करना पड़ सकता है। अगर फिर भी कभी गलती से आपने गणेश जी के पीठ के दर्शन कर लिए तो उनसे क्षमा मांगनी चाहिए। साथ ही श्री गणेशाय नम: मंत्र का जाप भी करना चाहिए।
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स्वस्तिक का महत्व:
गणेशजी GaneshJi की पूजा में स्वस्तिक जरूर बनाएं। ध्यान रखने वाली बात यह है कि स्वस्तिक एकदम सही बना होना चाहिए। इसे आड़ा-टेढ़ा न बनाएं। कभी भी उल्टा स्वस्तिक नहीं बनाना चाहिए। उल्टा स्वस्तिक केवल मंदिरों में किसी खास इच्छा के तहत ही बनाया जाता है। घर में किसी पवित्र जगह पर स्वस्तिक बनाएं।
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