Advertisements
पानी की कमी के कारण चेन्नई में भयंकर संकट हो गया है। चेन्नई शहर की लगभग चालीस लाख से ज्यादा आबादी के लिए पानी का सहारा केवल सरकारी पानी टैंकर ही है। शहर में जल संकट को देखते हुए छोटे रेस्त्रां बंद किए जा रहे हैं, मेट्रो सिस्टम ने स्टेशनों पर एयर कंडीशनिंग का उपयोग बंद कर दिया है और कुछ कार्यालयों में घर से काम करने का नियम लगाया गया है।
लोगों की मदद का बीड़ा तमिलनाडु सरकार ने उठाया है। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कहा है कि वेल्लोर जिले के जोलारपेट से विशेष ट्रेन के जरिए रोज एक करोड़ लीटर पानी चेन्नई भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा है कि अगले छह महीने तक यह ट्रेन लगातार चक्कर लगाती रहेगी। ट्रेन में पानी ले जाने के लिए राज्य सरकार ने 65 करोड़ रुपये तय किए हैं। इसके अलावा चेन्नई जलापूर्ति और सीवेज बोर्ड को जल संकट से निपटने के लिए 158.42 करोड़ रुपये दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने यह भी कहा है कि जलाशयों के सूखने के बाद अधिकारियों को पानी की आपूर्ति पर नजर रखने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने बताया कि तमिलनाडु जलापूर्ति बोर्ड समेत अन्य एजेंसियों ने 108.32 करोड़ रुपये इस जल संकट से निपटने के लिए दिया है। पूंदी, चेम्बरंबक्कम, शोलावरम और रेड हिल्स स्थित जलाशयों के सूखने के बावजूद चेन्नई को पानी की आपूर्ति की गई है।
उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 52.5 करोड़ लीटर पानी चेन्नई को दिया गया। इसके अलावा रोज 800 टैंकर्स प्रभावित क्षेत्रों के फेरे लगा रहे हैं और कुड्डालोर जिले के वीरणम झील से भी पानी चेन्नई पहुंचाया जा रहा है।
यह भी बताया जा रहा है कि चेन्नई के मुख्य दो जलाशय भी सूखने की कगार पर हैं। शहर के लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं।
Loading...