तर्पण और पिंड दान करने का विशेष महत्व होता है…
मंगलवार के दिन होने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहा जाता है. भौमवती अमावस्या के दिन पितरों की पूजा अर्चना करने से कोई भी व्यक्ति पितृ ऋण से मुक्त हो सकता है और पितृ भी प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं. भौमवती अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण और पिंड दान करने का विशेष महत्व होता है.
इस दिन मंगलवार होने के कारण हनुमानजी और मंगलदेव की उपासना करना बहुत ही लाभकारी माना गया है. कोई भी व्यक्ति कर्ज़ बीमारी तथा भूमि भवन की समस्या तथा मंगल से संबंधित सभी समस्याओं से मुक्ति पा सकता है.
सावधानियां बरतें
- भौमवती अमावस्या पर सुबह के समय सूर्य उदय होने से पहले उठने का प्रयास करें
- घर के दक्षिण भाग में पितरों की फोटो या तस्वीर पर माला या सुगंधित पुष्प अवश्य अर्पण करें
- घर में तामसिक चीजें जैसे प्याज लहसुन मांस मदिरा का प्रयोग बिल्कुल ना करें
- घर में शाम के समय हर कमरे में रोशनी अवश्य करें
- इस दिन घर पर आए किसी व्यक्ति को खाली हाथ न लौटाएं
मंगल देवता को करें प्रसन्न
- भौमवती अमावस्या पर मंगलवार का उपवास रखे और इस दिन नमक का सेवन न करें
- रोज सुबह और शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें
- मंगलदेव के 21 नामों का जाप दोपहर के समय घी का दीपक जलाकर करें
- अगर मंगल दोष ज्यादा ही समस्या दे रहा हो तो लाल मीठी चीजों का दान करें
- मंगल के मंत्र का जाप मध्य दोपहर करने से मंगल का अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है
महाउपाय
- भौमवती अमावस्या के दिन सुबह सूर्योदय होने से पहले उठें स्नान करके हल्के रंग के साफ वस्त्र पहनें
- एक स्टील के लोटे में कच्चा दूध काला तिल गंगाजल दो लौंग मिश्री तथा सुगंधित पुष्प डाले
- घर के समीप पीपल या मन्दिर में पीपल के वृक्ष की जड़ में दक्षिण दिशा की ओर मुँह करके
ॐ पितृ देवाय नमः 11 बार बोलकर यह सामग्री अर्पण करें
- हो सके तो पीपल के वृक्ष की सात प्रदक्षिणा भी करें
- अपने सभी दुखों और परेशानियों खत्म करने की प्रार्थना करें
- शाम को उसी पीपल के नीचे तिल के तेल का दीया जरूर जलायें तथा मिठाई भी रखें