हिन्दी पंचांग के अनुसार, वेदों की जननी माता गायत्री (Gayatri) की उत्पत्ति ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को हुआ था। इस तिथि को गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) मनाई जाती है। इस वर्ष गायत्री जयंती 21 जून दिन सोमवार को है। इस दिन निर्जला एकादशी भी है। इस दिन लोग बिना जल ग्रहण किए व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। निर्जला एकादशी के दिन गायत्री माता की विधि विधान से पूजा की जाएगी। गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) को पंचमुखी माता के मंत्रों का उच्चारण किया जाएगा। गायत्री माता सनातन धर्म की देवी मानी जाती है।
गर्मी में स्किन पर जलन और रैशेज आते हैं तो लगाएं यह पैक #DELHI : बच्चा चुराकर ले जा रहे दंपत्ति को पुलिस ने पकड़ा #UTTARPRADESH : योगी सरकार ने जारी की नई ट्रांसफर नीति, जानिए नियम UPTET की वैधता आजीवन करने के प्रस्ताव को #CMYOGI ने दी मंजूरी #HIGHCOURT : भ्रष्टाचार, दुष्कर्म के आरोपी सरकारी कर्मचारी पर मुकदमा चलाने की अनुमति जरूरी नहीं
आइए जानते हैं गायत्री जयंती की तिथि, मुहूर्त, मंत्र एवं महत्व के बारे में…
गायत्री जयंती 2021 तिथि
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Ekadashi) तिथि का प्रारंभ 20 जून दिन रविवार को शाम 04 बजकर 21 मिनट पर हो रहा है, जिसका समापन 21 जून दिन सोमवार को दोपहर 01 बजकर 31 मिनट पर होगा। उदया तिथि 21 जून को प्राप्त हो रही है, इसलिए गात्री जयंती 21 जून को मनाई जाएगी।
गायत्री मंत्र
गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) का दिन माता गायत्री को प्रसन्न करने तथा उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम है। इस दिन माता गायत्री की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए गायत्री जयंती पर उनकी पूजा करने तथा मंत्रों का जाप करना कल्याणकारी होता है।
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
हनुमान जी ने क्यों लिया था पंचमुखी अवतार? जानें वजह और… #KANPUR : मर कर भी दो लोगों को रोशनी दे गए विनोद कुमार #KANPUR : मास्क न लगाने पर अब तक का सबसे बड़ा चालान #KANPUR : शादी के एक हफ्ते बाद पेड़ से लटका मिला युवक का शव सोमवार को क्यों होती है शिव जी की पूजा? जानें…
पूजा मुहूर्त
21 जून को शाम 05 बजकर 34 मिनट तक शिव योग रहेगा। ऐसे में एकादशी तिथि दोपहर तक रहेगी, इसलिए आपको दोपहर से पूर्व माता गायत्री की विधिपूर्वक पूजा कर लेनी चाहिए।
महत्व
गीता में कहा गया है कि यदि व्यक्ति ईश्वर को पाना चाहता है, तो उसे गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसी भी मान्यता है कि गायत्री माता वेदों की जननी हैं, इसलिए गायत्री मंत्र के स्मरण मात्र से वेदों के अध्ययन जितना फल प्राप्त हो जाता है। गायत्री माता (Gayatri Mata) की पूजा करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और दुख दूर हो जाते हैं।
#KANPUR : पुलिस कमिश्नर नहीं लगा पा रहे अपराधियों पर लगाम, कार से कुचलकर युवक की हत्या UTTARPRADESH : सभी जिले कोरोना कर्फ्यू से मुक्त, शाम 7 से सुबह 7 बजे तक रहेगी पाबंदी #KANPURNEWS : भाजपा नेता नारायण सिंह और वकील को मिली जमानत #KANPUR : टेंपो और एसी बस में भीषण टक्कर, 17 की मौत