हिन्दी पंचांग के अनुसार, प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि (Shivaratri) मनाई जाती है। जून माह की मासिक शिवरात्रि 8 जून दिन मंगलवार है। मासिक शिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा-पाठ की जाती है। भगवान शिव शंकर के साथ ही माता पार्वती की भी आराधना होती है क्योंकि शिव और शक्ति एक-दूसरे के पूरक माने जाते हैं। शिव ही सर्वदा सत्य हैं।
#UPBREAKING : 55 जिलों की जनता को कोरोना कर्फ्यू से राहत, देखें लिस्ट में आपका शहर है कि नहीं वैक्सीन कार्ड दिखाने पर ही मिलेगी शराब और बियर इन एक्सरसाइज़ की मदद से अपनी आंखों को रखें स्वस्थ #HEALTH : वजन घटाने के लिए रोजाना ऐसे करें अलसी के बीज का सेवन #CHANDIGARH : एक हफ्ते बढ़ा लॉकडाउन, मिलेगी कुछ छूट
आइए जानते हैं जून 2021 के मासिक शिवरात्रि की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में।
मासिक शिवरात्रि तिथि
हिन्दी पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 08 जून दिन मंगलवार को दिन में 11 बजकर 24 मिनट से हो रहा है, वहीं इसका समापन 09 जून दिन बुधवार को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर होगा। रात्रि का मुहूर्त 08 जून को प्राप्त हो रहा है, इसलिए मासिक शिवरात्रि 08 जून को ही मनाई जाएगी।
#HIGHCOURT : हम नरक में जी रहे हैं, हम बेबस हैं कब है साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण? जानें… कब है अपरा एकादशी? जानें तिथि, मुहूर्त, एवं महत्व
मासिक शिवरात्रि
जून 2021 के मासिक शिवरात्रि की पूजा के लिए आपको 40 मिनट का समय प्राप्त होगा। आप 08 जून को रात 12 बजे से देर रात 12 बजकर 40 मिनट के मध्य तक मासिक शिवरात्रि की पूजा कर सकते हैं।
महत्व
शिवरात्रि (Shivaratri) का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने साकार स्वरूप धारण किया था और इस दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती परिणय सूत्र के अटूट बंधन में बंधे थे। शिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती के महामिलन का दिन भी माना जाता है। इन्हीं वजहों से शिवरात्रि (Shivaratri) के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। शिव की भक्ति के लिए इस दिन को सबसे प्रभावशाली माना गया है, इसीलिए इस दिन शिव पूजा का विशेष महत्व है।
विवाह संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं
कुंवारी लड़कियों के लिए यह व्रत बहुत ही श्रेष्ठ माना गया है क्योंकि शिवरात्रि व्रत (Shivaratri vrat) और पूजा करने से विवाह में हो रही देरी दूर होती है। दांपत्य जीवन बहुत ही सुखमय होता है और आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं। इस व्रत को महिला और पुरुष दोनों ही रख सकते हैं।
#HIGHCOURT : संदेह नहीं ले सकता ठोस साक्ष्य का स्थान #UTTARPRADESH : कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के बिना मास्क लगाए मीटिंग पर सियासत #KANPURNEWS : हैलेट में ब्लैक फंगस के तीन मरीज़ों को इलाज के बाद किया गया डिस्चार्ज