White Spots On Nails : नाखून अचानक से गुलाबी की जगह सफेद हो जाए तो इसे नजरअंदाज न करें. ये गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं. नाखूनों से सेहत का आसानी से पता लगाया जा सकता है. सही डाइट और नियमित देखभाल से इससे बचा जा सकता है. White Spots On Nails
जब भी हम डॉक्टर के पास जाते हैं तो वे हमारे नाखूनों को देखकर बीमारी का पता लगा सकते हैं. हाथ-पैर के नाखूनों पर सफेद निशान का एक कारण ल्यूकोनीशिया भी हो सकता है.
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इसमें नाखून की प्लेट को गंभीर नुकसान होता है. इसमें उनका रंग बदल जाता है. अगर नाखून सफेद हो रहे हैं तो तुरंत अलर्ट हो जाएं. इसका कारण जानकर सही इलाज करवाना चाहिए.
नाखून सफेद होने के कारण
मैनीक्योर के साइड इफेक्ट्स
मैनीक्योर करवाने से नाखूनों के नीचे की स्किन को नुकसान हो सकता है. इसे नेलबेड कहते हैं. इसकी जह से नाखूनों पर सफेद धब्बे या निशान आ सकते हैं. अगर नाखून को मैनीक्योर करने के लिए शॉर्प इक्युपमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं तो भी नुकसान हो सकता है और सफेद धब्बे आ सकते हैं, जो नाखूनों को बार-बार नुकसान पहुंचने का इशारा भी करते हैं. इससे नाखून फट, छिल और कमजोर हो सकते हैं.
फंगल इंफेक्शन की वजह से
नाखूनों का सफेद होना फंगल इंफेक्शन भी हो सकता है. जब वातावरण के रोगाणु नाखूनों या आसपास की स्किन की छोटी-छोटी दरारों में चले जाते हैं और उससे फंगल इंफेक्शन का खतरा रहता है. इसकी वजह से नाखून टूटने लगते हैं, मोटे हो जाते हैं, उनका रंग पीला, भूरा या सफेद हो जाता है.
जहरीले मेटल के संपर्क में आने से
नाखून का सफेद होना इस बात का भी संकेत हो सकता है कि आप आर्सेनिक और थैलियम जैसे जहरीले मेटल्स के संपर्क में आए हैं. ऐसा तब हो सकता है जब खा दूषित खाना खाते हैं या किसी इंडस्ट्रियल एरिया में रहते या जाते हैं. इस कारण नाखूनों में मीस लाइन्स नाम की सफेद बैंड हो सकते है, जो नाखूनों के सफेद होने के कारण हो सकते हैं.
मिनरल्स की कमी
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि नाखूनों का सफेद होना कैल्शियम और जिंक जैसे मिनिरल्स की कमी के संकेत हैं. नेल प्लेट कुछ अनुपात में कई तरह के पोषक तत्वों से ही बने होते हैं. जब इनमें कमी आती है तो नाखून सफेद होने लगते हैं.
दवाईयों
कुछ दवाईयां भी नाखूनों के सफेद होने का कारण हो सकती हैं. इनकी वजह से नाखूनों में व्हाइट लाइंस नजर आती हैं. ये दवाईयां धीमी नाखून ग्रोथ, नाखून पतले और टूटने जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं. इनमें कैंसर के लिए कीमोथेरेपी,रेटिनोइड्स, सल्फोनामाइड्स और क्लोक्सासिलिन जैसी कई दवाईयां शामिल हैं.