Why Do Ants Walk In A Line: आपने कभी गौर किया है कि चीटियां हमेशा एक सीधी लाइन में ही क्यों चलती हैं? मगर क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर चीटियां ऐसा क्यों करती हैं? क्या यह महज संयोग है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण छिपा है? Why Do Ants Walk In A Line
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असल में, चीटियां बहुत ही संगठित और सामाजिक कीट होती हैं, जो पूरी तरह से एक खास सिस्टम के तहत काम करती हैं। उनकी सीधी लाइन में चलने की आदत के पीछे एक खास वजह है- ‘फेरोमोन ट्रेल’ (Pheromone Trail)। यह एक प्रकार का रसायन (केमिकल सिग्नल) होता है, जो चीटियां एक-दूसरे को रास्ता दिखाने के लिए छोड़ती हैं।
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तो आइए जानते हैं कि चीटियां इस ट्रिक का इस्तेमाल कैसे करती हैं (How Do Ants Follow Each Other) और उनके अनुशासित व्यवहार के पीछे की रोचक वैज्ञानिक वजह क्या है।
फेरोमोन ट्रेल: चीटियों की गुप्त भाषा
जब कोई चींटी खाने की तलाश में निकलती है और उसे खाना मिल जाता है, तो वह अपने घर यानी चींटी कॉलोनी की ओर लौटते हुए जमीन पर फेरोमोन छोड़ती जाती है। यह फेरोमोन दूसरी चीटियों के लिए एक संकेत होता है, जिससे वे ठीक उसी रास्ते पर चलती हैं और भोजन तक पहुंच जाती हैं।
मजेदार तथ्य
चीटियां सिर्फ खाने के लिए ही नहीं, बल्कि खतरे या किसी दुश्मन के बारे में भी फेरोमोन के जरिए एक-दूसरे को सतर्क कर सकती हैं।
क्यों सीधी लाइन में चलती हैं चीटियां?
चीटियां सीधी लाइन में इसलिए चलती हैं क्योंकि वे अपने आगे वाली चींटी द्वारा छोड़े गए फेरोमोन के रास्ते पर चल रही होती हैं। यह ट्रेल जितना मजबूत होता है, उतनी ही ज्यादा चीटियां उस रास्ते को अपनाती हैं।
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सीधी रेखा में चलने के फायदे:
रास्ता तय करने में आसानी होती है।
भोजन के स्रोत तक जल्दी पहुंच पाती हैं।
मिलकर काम करने में मदद मिलती है।
क्या चीटियां अपने रास्ते बदल सकती हैं?
हां! अगर किसी कारण से रास्ते में रुकावट आ जाए या कोई दूसरा आसान रास्ता मिल जाए, तो चीटियां अपनी ट्रेल को बदल सकती हैं। नई चींटियां नए रास्ते पर फेरोमोन छोड़ती हैं और बाकी चींटियां उन्हें फॉलो करने लगती हैं।
क्या होगा अगर फेरोमोन ट्रेल मिट जाए?
अगर किसी कारण से फेरोमोन ट्रेल मिट जाए (जैसे पानी गिरने से), तो चीटियों को रास्ता ढूंढने में मुश्किल होती है। वे कभी-कभी इधर-उधर भटकने लगती हैं, जब तक कि कोई नई चींटी नया फेरोमोन ट्रेल न बना दे।
दिलचस्प बात
वैज्ञानिकों ने देखा है कि चीटियां कभी-कभी गलती से गोल-गोल घूमती रहती हैं, अगर उनकी फेरोमोन ट्रेल टूट जाए और कोई नया रास्ता न मिले! इसे “डेथ सर्कल” (Death Spiral) कहते हैं।
चीटियों के इस बरताव से इंसानों ने क्या सीखा?
चीटियों की यह नेविगेशन तकनीक इतनी प्रभावी है कि वैज्ञानिकों ने इसी से प्रेरणा लेकर “एल्गोरिदम” (Algorithm) बनाए हैं, जिनका इस्तेमाल ट्रैफिक कंट्रोल, रोबोटिक्स और इंटरनेट नेटवर्क्स में किया जाता है!