जाने , क्यों दिया बसपा मुखिया #Mayawati ने कांग्रेस को डबल झटका
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए प्रस्तावित महागठबंधन को अभी से झटके पर झटके लग रहे हैं. संभावित महागठबंधन में प्रमुख घटक मानी जा रहीं बसपा मुखिया #Mayawati फिलहाल इससे दूरी बनाती दिख रहीं हैं. 24 घंटे के भीतर उन्होंने कांग्रेस को दो बड़े झटके देकर महागठबंधन की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया.
कांग्रेस के लिए भविष्य की बड़ी चेतावनी छिपी है
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ‘हाथी की सवारी’ कर कांग्रेस चुनाव में उतरने का सपना संजोए बैठी थी, मगर मायावती ने ऐन वक्त पर कांग्रेस के हाथ का साथ न देने का फैसला किया. छत्तीसगढ़ में जहां उन्होंने कांग्रेस के बागी नेता अजित जोगी का साथ देने का फैसला किया, वहीं मध्य प्रदेश में अपने दम पर चुनाव लड़ने की. कांग्रेस को लेकर मायावती के रुख में बदलाव उस वक्त से महसूस होने लगी थी, जब उन्होंने हाल में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का ठीकरा बीजेपी के साथ यूपीए सरकार पर भी फोड़ा था. उसी वक्त राजनीतिक विश्लेषकों ने मान लिया था कि बसपा मुखिया मायावती के इस बयान में कांग्रेस के लिए भविष्य की बड़ी चेतावनी छिपी है.
क्या ये है कांग्रेस से नाराजगी की वजह
- कर्नाटक में कांग्रेस-जदएस गठबंधन से मुख्यमंत्री बने एचडी कुमारस्वामी का शपथग्रहण समारोह याद करिए. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और बसपा मुखिया मायावती की गले मिलती तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी.
- उन तस्वीरों में दोनों नेताओं के बीच अच्छे रिश्ते की झलक साफ दिख रही थी. मगर अब जाकर जिस तरह से मायावती ने पैतरे बदले हैं और एक के बाद एक फैसले ले रहीं हैं, उससे समझा जा रहा है कि मायावती कांग्रेस से कुछ नाराज हैं.
- इसके पीछे यूं तो कई वजहें बताई जाती हैं. मगर एक वजह यूपी के नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी हैं.कभी मायावती के सबसे भरोसेमंद रहे और चंदे का हिसाब-किताब रखने वाले नसीमुद्दीन अब कांग्रेस का हिस्सा बन चुके हैं.
- बसपा से निकाले जाने के बाद नसीमुद्दीन ने मायावती पर टिकट बेचने समेत कई आरोप लगाए थे.
- यहां तक कि उन्होंने मायावती से बातचीत का कथित ऑडियो भी सार्वजनिक कर दिया था.
- बसपा से निकलने के बाद पहले नसीमुद्दीन के सपा में जाने की संभावना थी, मगर अखिलेश यादव ने तवज्जो नहीं दी. जिसके बाद इस साल कांग्रेस ने नसीमुद्दीन को पार्टी में शामिल किया.