खजूर खाकर ही क्यों खोला जाता है रोजा
रमजान का महीना आज से शुरू हो गया है। इस महीने मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर अल्लाह को खुश करते हैं। इस दौरान मन को शुद्ध रखना बहुत जरूरी होता है। इस महीने के 30 दिन लोग रोजा रखते हैं, जिसमें सारा दिन खाना तो दूर खाने के बारे में सोचा भी नहीं जाता। रोजे के दौरान मुस्लिम समुदाय सुबह सेहरी के वक्त खाना खाते हैं, इसके बाद सारा दिन भूखे प्यासे रहने के बाद शाम के समय यानि इफ्तार के बाद रोजा खोला जाता है। इस रस्म के अनुसार इफ्तारी के समय खजूर खाकर ही रोजा तोड़ा जाता है। आइए जानेें इसके पीछे का कारण।
क्यों खाई जाती है खजूर
रोजा रखने के दौरान सारा दिन कुछ भी खाने और पीने की मनाही है। दरअसल एकदम ज्यादा भोजन खाने से सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इसी कारण रोजा खोलते वक्त खजूर को ज्यादा अहमियत दी जाती है। खजूर शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करती है क्योंकि इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। खजूर खाने के पीछे एक और कारण यह भी माना जाता है कि इस्लाम अरब से शुरू हुआ था। वहां खाने के लिए खजूर का फल आसानी से मिल जाता है और यह सेहत के लिए भी बहुत गुणकारी होती है। इस कारण रोजे में खजूर का सेवन करने की परंपरा शुरू हुई।
खजूर के फायदे
- ब्लड प्रैशर को कंट्रोल करने के लिए भी खजूर बहुत फायदेमंद है।
- खजूर खाने से बॉडी को तुरंत एनर्जी मिलती है। रोजा खोलने के तुरंत बाद खजूर खाना सेहत के लिए अच्छा होता है।
- खजूर में पाया जाने वाला फ्लोरीन दांतों को कैविटी से भी बचा कर रखता है।
- विटामिन और मिनरल्स से भरपूर खजूर नर्वस सिस्टम को दुरुस्त करने का भी काम करता है।