तरक्की के बीच आ रही हर रूकावट को दूर करेंगे ये मंत्र
आपके पास लक्ष्मी आती तो हैं लेकिन कब आती हैं और कहां चली जाती हैं इसका पता ही नहीं चलता। इस स्थिती से राहत पाने के लिए और लक्ष्मी को अपने द्वार तक लाने के लिए तंत्र मंत्र यंत्र से संबंधित खास वस्तु को दें घर में स्थान।
श्री यंत्र आध शार्क का प्रतीक है। इसे यंत्रों में सर्वश्रेष्ठ होने के कारण ‘यंत्र राज’ भी कहा जाता है। इस यंत्र की अधिष्ठात्री देवी मां त्रिपुर सुंदरी हैं। रविपुष्य, गुरुपुष्य नक्षत्र या अन्य शुभ मुहूर्त में रजत, ताम्र, स्वर्ण या भोजपत्र पर इस यंत्र का निर्माण करें तत्पश्चात् यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा कर मां त्रिपुर सुंदरी का ध्यान एवं कमल गट्टे या रूद्राक्ष की माला से निम्न मंत्र का जाप करें-
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं लीं श्री ॐ महालक्ष्मये नम:।
श्री यंत्र के सामने ॐ श्री ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै श्रीं ह्रीं श्रीं नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
पूर्ण होती हैं सभी कामनाएं
दीपावली, शरद या चैत्र नवरात्रा, पंचमी, सप्तमी, अष्टमी की रात्रि को इस यंत्र की साधना विशेष फलदायी मानी जाती है। इस यंत्र की पूजा-अर्चना से दुख, दरिद्रता दूर होकर घर में चिरस्थाई लक्ष्मी का वास होता है। व्यापार, नौकरी में मनोनुकूल फल प्राप्ति होती है। सुख, समृद्धि की प्राप्ति के साथ सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं।