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विश्व नेत्रदान दिवस : नेत्रदान करने हेतु प्रोत्साहित किया गया
आज 10 जून 2020 को विश्व नेत्रदान दिवस के अवसर पर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में के लाला लाजपत राय अस्पताल (हैलेट) में प्रधानाचार्य एवं डीन प्रोफेसर आरती लालचंदानी जी के द्वारा लोगों को नेत्रदान करने हेतु प्रोत्साहित किया गया । इस अवसर पर डॉक्टर आरती लालचंदानी जी ने कहा की कोरोना इंफेक्शन की वजह से नेत्रदान संभव नहीं हो पा रहा था लेकिन सरकार के द्वारा और नई गाइडलाइंस आने के पश्चात पुनः नेत्रदान एवं कॉर्निया प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह बड़ा हर्ष का विषय है और आप सब से अपील है कि आप सभी इसका लाभ उठाएं । अस्पताल में कॉर्निया प्रत्यारोपण की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है।
जरूरतमंद लोगों की नेत्रों में प्रत्यारोपित की गई
- कॉर्निया प्रत्यारोपण विशेषज्ञ तथा नेत्र विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर शालिनी मोहन ने बताया कि कृष्णा नगर से 165 वां नेत्रदान स्वर्गीय श्री राजेंद्र लाल अरोड़ा जी का संपन्न हुआ था ।
- नियमानुसार उनका कोविड टेस्ट कराया गया तथा उसके नेगेटिव आने के पश्चात यह कॉर्निया 2 जरूरतमंद लोगों की नेत्रों में प्रत्यारोपित की गई ।
- श्री हरनाम सिंह उम्र 55 वर्ष निवासी फतेहपुर की आंख में इंफेक्शन तथा कॉर्नियल अल्सर बन गया था जिसकी वजह से उनकी आंख की रोशनी चली गई थी और श्री अनूप 42 वर्ष निवासी कानपुर देहात की आंख में चोट लगने से रक्त आ गया था और वह रक्त कॉर्निया में जम जाने से कॉर्निया से दिखना बंद हो गया था डॉक्टर शालिनी मोहन ने यह भी बताया कि इन दोनों की आंखों में कॉर्निया का प्रत्यारोपण किया गया तथा उनकी आंख की रोशनी बचाई गई।
6 घंटे के अंदर हो जाना चाहिए
डॉक्टर शालिनी मोहन ने यह भी बताया कि भारतवर्ष में 22 लाख और उत्तर प्रदेश में 200000 ऐसे लोग हैं जो कॉर्निया की खराबी से ग्रसित हैं और इनका उपचार तभी संभव है जब लोग नेत्रदान हेतु आगे आएं और इसमें पूर्ण रूप से सहयोग करें ।
प्रतिवर्ष 200000 कॉर्निया के सापेक्ष 40 से 50 हजार कॉर्निया का डोनेशन होता है। कॉर्निया का डोनेशन मृत्यु उपरांत 6 घंटे के अंदर हो जाना चाहिए इसलिए नेत्रदान हेतु स्वयंसेवी संस्थाएं या मेडिकल कॉलेज में स्थित नेत्र विभाग के डॉक्टर से जल्दी से जल्दी संपर्क करें जिससे कि यह प्रक्रिया समय रहते ही कराई जा सके और कॉर्निया के जरूरतमंद मरीजों में उपयोग किया जा सके।कॉर्निया प्रत्यारोपित टीम में अन्य उपस्थित डॉक्टर्स में मुख्य रूप से डॉक्टर लुबना अहमद, डॉक्टर श्वेता सिंह, डॉक्टर स्नेहा और डॉक्टर दिनेश मौजूद रहे।
नेत्र दानी तथा कार्निया प्रत्यारोपित मरीजों में कोविड टेस्ट कराने के पश्चात रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही प्रत्यारोपण किया गया जिसमें माइक्रोबायोलॉजी विभाग तथा विभागाध्यक्ष डॉ सुरैय्या का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान एवं सहयोग रहा
इस अवसर पर नेत्रदान सहयोगी संस्थाओं जिसमें मुख्य रूप से श्री मदन लाल जी भाटिया, श्री सीताराम जी खत्री तथा सक्षम संस्था सक्रिय हैं उन्हें सादर धन्यवाद ज्ञापित किया गया ।
इस अवसर पर ऑपरेशन के दौरान स्टाफ इसमें मुख्य रूप से सिस्टर आरती और सिस्टर शालिनी तथा श्री हरिशंकर और श्री इंदल मौजूद रहे ।
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